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वकील कैसे बने: क्या आप चाहते हैं कि आप ज़िन्दगी में एक ऐसी नौकरी करें जो आपको समाज में इज्जत दिलाये और साथ ही साथ आपको एक ऐसा व्यक्ति बनाये जो अपनी समस्या को अपने दिमाग की क्षमता से ही हल कर सके? आज इस आर्टिकल में आपको हम यही बताएँगे कि लॉयर या वकील कैसे बने, कौनसी परीक्षाएँ देनी पड़ती है और उसकी तैयारी कैसे करें। तो चलिये अब बात करते है कि आप वकील कैसे बन सकते है?

इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे कि वकील कैसे बनें

वकील कौन होते है

वकील या लॉयर बनने के लिए परीक्षाएँ

लॉ कॉलेज में उपलब्ध कोर्स

लॉ का कोर्स करने के लिए कॉलेज

एलएलबी के बाद क्या करें

वकील या लॉयर बनने के लिए जरूरी स्किल्स या कौशल


वकील कौन होते है?

लॉयर/वकील कैसे बने इससे पहले यह जान लेते है कि वकील कौन होते है। लॉयर या वकील एक ऐसा प्रोफेशन है जो हमारे समाज में बहुत ही इज़्ज़तदार और अच्छी आमदनी वाला प्रोफेशन माना जाता है। अगर आप कभी भी कोई भी क़ानूनी दिक्कत झेल रहे हैं, जैसे कि डाइवोर्स की समस्या, चार्जस या फिर बिज़नेस का कोई क़ानूनी समस्या तो आप लॉयर के पास जाते हैं। भारत में वकील बनने के लिए कुछ जरूरतें होती है जैसे कि:

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  • बैचलर ऑफ़ लेजिस्लेटिव लॉ (एलएलबी) – अगर आप भारत में वकील/लॉयर बनना चाहते हैं तो आपको किसी लॉ कॉलेज या इंस्टिट्यूट से सबसे पहले एलएलबी करना होगा और उसके बाद ही आप लॉ प्रैक्टिस कर पाएंगे।
  • इंटर्नशिप- आपको अपने कोर्स में किताबी नॉलेज के अलावा प्रैक्टिकल अनुभव भी चाहिए होता है और इसी के लिए इंटर्नशिप करना आपके कोर्स में अनिवार्य होगा।
  • स्टेट बार काउंसिल के साथ नामांकन – एक बार जब आप अपना कोर्स खत्म कर लेते हैं तब आपको अपने आपको किसी भी राज्य बार काउंसिल में रजिस्टर करना होगा और उसके बाद ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (एआईबीई) देना होगा जिसके बाद ही आप लॉ प्रैक्टिस कर सकते हैं।

वकील मुख्यतः दो प्रकार के होते है:

  • सरकारी वकील – सरकारी वकील एक गवर्नमेंट कर्मचारी होता है और इसलिए वो गवर्नमेंट के पेरोल पर होता है। इस जॉब का सबसे बड़ा बेनिफिट यह है कि आपके पास जॉब सिक्योरिटी होती है और आपको वो सारे फायदे मिलते हैं जो बाकी सरकारी कर्मचारियों को मिलते हैं।
  • प्राइवेट अधिवक्ता/एडवोकेट – प्राइवेट अधिवक्ता वो होता है जो सरकार के लिए काम नहीं करता है लेकिन या तो खुद प्रैक्टिस करता हैं या फिर किसी और कंपनी में शामिल होकर काम करता है। इस जॉब की सबसे बड़ी बात है कि इसमें काफी अच्छी इनकम होती है क्योंकि आप कंपनियों के लिए बड़े-बड़े केस लड़ेंगे तो आप एक बहुत बड़ी फीस भी कमाएंगे और साथ ही आपकी सैलरी भी बहुत ज़्यादा होगी।

अब जानते है कि लॉयर कैसे बने और क्या पढ़ाई करें

वकील या लॉयर बनने के लिए परीक्षाएँ

किसी भी लॉ कॉलेज को जॉइन करने के लिए आपको पहले कोई न कोई एग्जाम देना होगा जिससे की आप वो कॉलेज या यूनिवर्सिटी जॉइन कर सकें। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा होती है। सीएलएटी (कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट) जिसके अंडर आप काफी सारे गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं।

इस परीक्षा को देने के लिए आपकी आयु सीमा 20 साल या इससे कम होनी चाहिए। आप यह परीक्षा 12वीं पास करने के बाद दे सकते हैं और इसके जरिये आप 5 साल का एक इंटीग्रेटेड कोर्स कर सकते हैं। इसके बारे में ज़्यादा हम इसी आर्टिकल में बाद में जानेंगे। अभी के लिए चलिए बात करते हैं CLAT के फॉर्मेट और उसकी एलिजिबिलिटी पर।

सीएलएटी एक नेशनल लेवल पर कंडक्ट किया जाने वाला टेस्ट है और इसीलिए यह लॉ एडमिशन के लिए होने वाला सबसे महत्वपूर्ण टेस्ट में से एक है। यह टेस्ट कुल 200 अंकों का होता है और इसमें 0.25 अंक गलत जवाब पर कटता है। इस टेस्ट में 5 सेक्शन होते हैं:

  • अंग्रेजी
  • गणित (क्वांटिटेटिव एप्टीटुड)
  • लॉजिकल रीजनिंग
  • लीगल एप्टीटुड (लॉ)
  • सामान्य ज्ञान

इसमें गणित 10वीं के स्तर की होती है और बहुत ही आसान होती है जो कि रेगुलर प्रैक्टिस से आराम से की जा सकती है। इस परीक्षा को क्रैक करने के लिए आपको रेगुलर प्रैक्टिस करनी होगी और ज़्यादा से ज़्यादा प्रश्न सुलझाने होंगे। ऐसे परीक्षाओं में मेहनत तो बहुत करनी होती ही है उससे ज़्यादा महत्वपूर्ण होता है स्मार्टवर्क, यही हासिल करना आपका लक्ष्य होना चाहिए।

इसके अलावा और भी कई परीक्षाएँ है, जैसे कि:

  • आल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट (एआईएलईटी) – नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली
  • लॉ स्कूल एडमिशन टेस्ट (एलएसएटी) – जिंदाल ग्लोबल लॉ स्कूल, सोनीपत
  • सिंबोसीस एंट्रेंस टेस्ट (एसईटी) – सिंबोसीस यूनिवर्सिटी

इसके अलावा और भी बहुत सारी परीक्षाएँ है जो अलग-अलग कॉलेज एडमिशन के लिए आयोजित की जाती है, उनके बारे में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

लॉ कॉलेज में उपलब्ध कोर्स

भारत में लॉ कॉलेज में मुख्यतः दो प्रकार के लॉ कोर्स किए जाते है –

3 साल का एलएलबी कोर्स – यह कोर्स 3 साल का होता है और इस कोर्स को कोई भी कर सकता है, अगर वो कम से कम ग्रेजुएट हो और उसने ग्रेजुएशन कम से कम 40% के साथ पास की हो। यह कोर्स भारत में काफी कॉलेज में करवाया जाता हैं जिनके बारे में हम आपको अपने अगले सेक्शन में बताएँगे।

इस कोर्स के लिए आप किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएट हो सकते हैं और कोर्स की महत्वपूर्ण 5 साल कोर्स जितनी ही है। ज़्यादातर लोग इस कोर्स के बाद यूपीएससी परीक्षा और गवर्नमेंट लॉ ऑफिसर्स की नौकरी की तरफ ज़्यादा आकर्षित होते हैं।

5 साल का इंटीग्रेटेड कोर्स – यह 5 साल का इंटीग्रेटेड कोर्स दो अलग कोर्स का कॉम्बिनेशन होता है और ज़्यादातर कॉलेजों में आजकल यही कोर्स करवाया जा रहा हैं। इस कोर्स के जरिये आप एक ड्यूल डिग्री सिक्योर कर सकते हैं और इसका फायदा यह है कि जिन दो डिग्री को पूरा करने में आपको 6 साल लग जाते उनको आप सिर्फ 5 साल में ही पूरा कर पाएंगे।

इस कोर्स में काफी सारे अलग-अलग कॉम्बिनेशन उपलब्ध होते है, जैसे कि:

  • बीए एलएलबी – यह उन लोगों के लिए है जो लॉ की डिग्री के साथ ह्यूमनीटीज़ के विषयों को भी पढ़ना चाहते हैं। इस कोर्स में आप पोलिटिकल साइंस और सोशियोलॉजी जैसे विषयों के साथ लॉ के कोर सब्जेक्ट्स भी पढ़ेंगे।
  • बीएससी एलएलबी – यह उन लोगों के लिए है जो लॉ की डिग्री के साथ साइंस के सब्जेक्ट्स भी पढ़ना चाहते हैं। इस कोर्स में आप इकोनॉमिक्स जैसे सब्जेक्ट्स के साथ लॉ के कोर सब्जेक्ट्स भी पढ़ते हैं।
  • बीबीए एलएलबी – यह उन लोगों के लिए है जो लॉ की डिग्री के साथ बिज़नेस के सब्जेक्ट्स भी पढ़ना चाहते हैं। इस कोर्स में आप इकोनॉमिक्स जैसे सब्जेक्ट्स के साथ लॉ के कोर सब्जेक्ट्स भी पढ़ते हैं।
  • बी.कॉम एलएलबी – यह उन लोगों के लिए है जो लॉ की डिग्री के साथ कॉमर्स के सब्जेक्ट्स भी पढ़ना चाहते हैं। इस कोर्स में आप इकोनॉमिक्स जैसे सब्जेक्ट्स के साथ लॉ के कोर सब्जेक्ट्स भी पढ़ते हैं।

लॉ के कुछ कोर विषय जो आप इन सारे कोर्स में पढ़ेंगे, ये है:

  • लॉ ऑफ टोर्ट्स
  • फैमिली लॉ
  • लीगल मेथड्स
  • लॉ ऑफ क्राइम्स
  • प्रॉपर्टी लॉ
  • कंपनी लॉ

लॉ का कोर्स करने के लिए कॉलेज

भारत में वकील या लॉयर बनने के लिए बहुत सारे कॉलेज उपलब्ध है और इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे कि कौनसे कॉलेज आपको कौनसे कोर्स ऑफर करते है।

हम कॉलेज को दो श्रेणियों में बाँट सकते हैं –

  1. कॉलेज जो 5 साल इंटेग्रेटेड लॉ कोर्स ऑफर करते हैं
कॉलेजसरकारीप्राइवेट
National Law School of India University,Bangalore
NALSAR University of Law,Hyderabad
Gujarat National Law University, Gandhinagar
Hiddaytullah National Law University, Raipur
National Law University, Delhi
Symbiosis Law School,Pune
Amity Law School,Delhi
Maharashtra National Law University,Mumbai
Jindal Global Law School,Sonipat
Dr.Ram Manohar Lohiya National Law University,Lucknow

2. कॉलेज जो 3 साल का एलएलबी कोर्स ऑफर करते हैं

कॉलेजसरकारीप्राइवेट
Faculty of Law,Delhi University
Jindal Global Law School,Sonipat
Government Law College,Mumbai
Symbiosis Law College,Pune
BHU Law College, Varanasi

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एलएलबी के बाद क्या करें

एलएलबी के बाद आपके लिए काफी सारे विकल्प है, जैसे कि –

  • प्रैक्टिस लॉ – आप अपनी एलएलबी खत्म होने के बाद लॉ प्रैक्टिस करना शुरू कर सकते हैं (एआईबीई – आल इंडिया बार एग्जामिनेशन देने के बाद)। अब इसको भी करने के बहुत सारे तरीके हैं कि आप किसी भी टाइप के लॉयर बन सकते हैं अपनी इच्छा और स्किल्स के आधार पर जैसे कि:
  • क्रिमिनल लॉयर
  • कॉर्पोरेट लॉयर
  • सरकारी लॉयर
  • लिटिगेटर
  • प्रोसिक्युटर

आप चाहें तो अपना खुद का फर्म खोल सकते हैं या फिर किसी कंपनी में जॉइन कर सकते हैं और उसके लीगल एडवाइजर, कंसलटेंट या लीगल सर्विस चीफ भी बन सकते हैं। किसी कंपनी को जॉइन करके या किसी लॉ फर्म को जॉइन करके आप काफी पैसे कमा सकते हैं और सैलरी के साथ-साथ अच्छे बोनस भी ले सकते हैं।

टॉप लीगल फर्म्स

  • खैतान एंड कंपनी
  • एस एंड आर एसोसिएट्स
  • शार्दूल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी
  • सीरिल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी
  • जे सागर एंड एसोसिएट्स (जेएसए)
  • सरकारी अफसर – आप एलएलबी करने के बाद इंडियन लीगल सर्विसेज जॉइन कर सकते हैं और इससे गवर्नमेंट डिपार्टमेंट में लीगल काउंसल (एडवाइजर) या फिर आर्मी और एयर फोर्स के लीगल डिपार्टमेंट्स में काम कर सकते हैं।
  • एलएलएम (स्पेशलाइजेशन) – आप एलएलबी के बाद आगे पढाई करते हुए किसी स्पेशलाइजेशन भी कर सकते हैं जैसे कि मर्जर्स और एक्वाजिशन (एमए), बैंकरप्सी, लॉ, कंपनी लॉ, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स लॉ, इनके अलावा और भी काफी सारे विकल्प।
  • जुडिशरी – आप एलएलबी करने के बाद जुडिशरी का एग्जाम देकर जज भी बन सकते हैं। आप किसी भी राज्य के जुडिशल सर्विस का एग्जाम दे सकते हैं और वहां पर जज बन सकते हैं।
  • टीचिंग – आप चाहें तो लॉ के बाद टीचिंग लाइन में भी जा सकते हैं और किसी लॉ कॉलेज में प्रोफेसर के तौर पर करियर बना सकते है। यह आप एलएलबी करने के बाद भी कर सकते हैं। आप इसके आगे जितना ज़्यादा पढ़ेंगे (एलएलएम और पीएचडी), टीचिंग करियर के लिए उतना ज़्यादा अच्छा होगा।
  • अन्य प्रतियोगी परीक्षाएँ – आप लॉ की डिग्री के बाद अन्य कॉम्पिटिटिव परीक्षाएँ दे सकते हैं और लॉ इन परीक्षाओं के लिए एक बहुत ही मजबूत बेस माना जाता है।

वकील या लॉयर बनने के लिए जरूरी स्किल्स या कौशल

नीचे आप कुछ स्किल्स या कहें तो कौशल देख सकते है जो वकील बनने के लिए जरूरी है।

  • ओरल कम्युनिकेशन – यह बहुत ज़रूरी है कि आपको लोगों के सामने बोलना आना चाहिए और बोलने का मतलब यहाँ यह है कि आप अपना जो पॉइंट प्रूव करना चाहते हैं (चाहे लोगों के सामने हो या जज के सामने) आप अच्छे से बोल सकें।
  • लीगल रिसर्च – रिसर्च का मतलब यहाँ यह है कि आपके अंदर वह स्किल होनी चाहिए कि आप किसी भी टॉपिक के डिटेल में जा सकते हैं और अपने रिसर्च का पैटर्न ऐसा रखें कि वह आपके सारे ज़रूरी पॉइंट्स और इनफॉर्मेशन को कवर करें।
  • क्लाइंट सर्विस – यह ज़रूरी है कि आप अपने क्लाइंट को अच्छे से हैंडल कर सकें और यह आपकी जॉब का एक बहुत ही बड़ा और इम्पोर्टेन्ट पार्ट होगा।
  • टीमवर्क – ज़रूरी है कि आप एक टीम में आराम से काम कर सकें क्यूंकि यह बहुत ही ज़्यादा महत्वपूर्ण है कि आप अपने टीम मेंबर्स को सुनें और अपनी बात कौन भी उनके सामने रख पाएं किसी हेजिटेशन के और बिना डोमिनेटिंग होते हुए।
  • टाइम मैनेजमेंट – सबसे महत्वपूर्ण स्किल यही है कि सिर्फ इसी प्रोफेशन के लिए नहीं बल्कि सारे जॉब्स के लिए ज़रूरी है कि आप अपने समय को अच्छे से मैनेज कर सकें और अपना सारा काम डेडलाइन से पहले ही खत्म कर लें कि आप कम से कम समय में अधिकतम परिणाम हासिल करें।

हमें उम्मीद है कि यह आर्टिकल पढ़ने के बाद आपको लॉयर कैसे बने के बारे में सब कुछ पता चल गया होगा, अगर इसके बाद भी आपको कोई संदेह है या कोई सवाल है तो नीचे कमेंट करें और हम आपके हर सवाल का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे।

जन्म से ही क्रिकेट का दीवाना हूँ लेकिन क्रिकेटर बन नहीं सका और अब विकिपीडियन बनकर खिलाड़ियों पर लिखना शौक बना दिया है।

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