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एलोवेरा जिसे घृत कुमारी और ग्वारपाठा के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसा प्लांट है जो न सिर्फ दवाई के लिए उपयोग किया जाता है बल्कि आज कल रोज़ाना इस्तेमाल होने वाली चीज़ो में भी उपयोग किया जाता है। जैसे शैम्पू, कंडीशनर, जूस, साबुन, टूथपेस्ट इत्यादि। एलोवेरा फार्मिंग एक बढ़ता हुआ बिज़नेस है जिसमें आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। तो अगर आप जानना चाहते है कि एलो वेरा की खेती कैसे करें और उसको मार्केट में कैसे बेचे तो यह ब्लॉग एलोवेरा फार्मिंग बिज़नेस प्लान से संबन्धित आपके सारे सवालों के जवाब देगा।

एलोवेरा खेती की जानकारी एक एक्सपर्ट से जानने के लिए नीचे वीडियो देखें

इस आर्टिकल में हम आपको बतायेंगे…

एलोवेरा की खेती क्या होती है

एलोवेरा की खेती का बिजनेस कैसे करें

मार्केट की जानकारी

एलोवेरा की खेती में लागत

एलोवेरा बिजनेस के लिए लॉन

एलो वेरा की खेती करने के लाभ

एलोवेरा ज्यूस बिजनेस प्लान

एलोवेरा बिजनेस में अवसर

एलोवेरा खेती से जुड़े सवाल

यह आर्टिकल एलोवेरा फार्म मालिक इशू राणा की मदद से लिखा गया है।

Expert Consultant: Mr. Ishu Rana | Owner at Rana Agro Herbals |Address: Rohini Sector 17, Extension, Delhi-110042 | Phone: 9910001588, 9958943020

एलोवेरा की खेती क्या है

एलोवेरा या घृतकुमारी एक ऐसा पौधा होता है जो अपनी मेडिसिनल क्वालिटीज़ के लिए फेमस है और अब यह एक ऐसा प्लांट बन चुका है जो न ही सिर्फ दवाइयों में उपयोग होता है बल्कि कॉस्मेटिक में उपयोग किये जाने वाले प्रोडक्ट्स में और ज्यूस में भी आने लगा है। एलो वेरा की खेती का मतलब है एलोवेरा के बेबी प्लांट या बीज लगाकर उसे उगाना और मार्केट में बेचकर मुनाफा कमाना। आज कल एलोवेरा की बढ़ती डिमांड की वजह से इसका बिज़नेस की भारत में बहुत अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है।

यह एक ऐसा बिज़नेस है जिसमें कम लागत से अच्छा मुनाफा आसानी से कमाया जा सकता है। और इस बिज़नेस की ख़ास बात ये है कि आप ये बिज़नेस घर के बगीचे से भी शुरू कर सकते हैं। यह बिज़नेस आपको ऑप्शन देता है कि आप एक साथ एक से ज़्यादा बिज़नेस चला सके क्योंकि यह बिज़नेस बिलकुल मेंटेनन्स नहीं मांगता है। आप चाहे तो एलोवेरा फार्मिंग के साथ-साथ एलोवेरा जूस बिज़नेस भी खोल सकते हैं।

एलोवेरा खेती का बिजनेस कैसे करें

अगर आप एलोवेरा का बिजनेस शुरू करना चाहते है, तो आप यह काम दो तरह से कर सकते है।

  • आप चाहे तो एलोवेरा की खेती करके उसे मार्केट में बेच सकते हैं। आप चाहे तो एलोवेरा की मंडी में जाकर बेच सकते हैं या फिर किसी बड़ी कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट करके उनको अपना स्टॉक सप्लाई कर सकते हैं।
  • अगर आप एलोवेरा के बिज़नेस से थोड़ा एक्स्ट्रा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो आप थोड़ी और इन्वेस्टमेंट करके एलोवेरा का जूस बनाने का बिज़नेस शुरू कर सकते हैं।

इन दोनों तरीकों में एक चीज़ कॉमन है जो है एलो वेरा की खेती करना। तो आइये अब जानते है कि कैसे आप भी एलोवेरा की खेती कर सकते हैं।

एलोवेरा की खेती कैसे करें

एलो वेरा की खेती करने से पहले आपको सही जगह और मिट्टी का चुनाव करना होगा ताकि आपकी फसल अच्छी हो।

नैचुरली एलोवेरा किसी भी अनुपजाऊ यानि जगह पर ऊग सकता है। इसका मतलब यह है कि एलोवेरा किसी भी मिट्टी में उगाया जा सकता है। लेकिन ज़्यादातर इसे बुलई दोमट मिट्टी (सॉफ्ट लोअम सॉइल) में उगाया जाता है। एलोवेरा के बीज बोने के लिए सबसे अच्छा समय होता है अप्रैल-मई का और ये एक ऐसा पौधा है जिसे ज़्यादा पानी की भी ज़रूरत नहीं होती है।

जगह का चुनाव करते समय यह ध्यान रखें की आप उस जगह की पूरी मिट्टी और पानी को जांच लें। मिट्टी की टेस्टिंग में नीचे दी गयी चीजों को जरूर याद रखें।

  • पीएच लेवल
  • ओर्गेनिक कार्बन
  • इलेक्ट्रिकल कंडक्टिविटी
  • फोस्फोरस
  • सल्फर
  • आयरन
  • कॉपर
  • जिंक इत्यादि।

सही एलोवेरा हाइब्रिड को चुनना भी बहुत ज़रूरी होता है। मार्केट में एलोवेरा के बहुत प्रकार के हाइब्रिड उपलब्ध है। आप चाहे तो नीचे दिए गए हाइब्रिड का इस्तेमाल कर सकते हैं।

  1. IEC 111269
  2. IEC 111271

यह ऐसे हाइब्रिड है जो बहुत जल्दी ऊगते हैं और इनमें कीड़े लगने का बहुत कम खतरा होता है। अब हमने जान लिए है कि एलोवेरा को उगाने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए तो आईये अब जानते है कि कैसे आप एलो वेरा की खेती कर सकते हैं। एलोवेरा की खेती करने के लिए आप नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो कर सकते हैं।

  1. सबसे पहले आप अपने खेत की 2-3 बार जुताई कर लें और अपनी भूमि को संकल्प कर लें। एलोवेरा की खेती के लिए एक संकल्प भूमि का होना बहुत ज़रूरी है क्योंकि ये एक पौधा 3-5 साल तक लगातार आपको फसल देता रहेगा।
  2. भूमि संकल्प हो जाने के बाद आप उसको फर्टाइल बनाने के लिए गोबर की खाद डाल सकते हैं। आपको अपने 1 हेक्टेयर के खेत में 10-12 टन गोबर की खाद डालनी होगी। गोबर की खाद डालने के बाद अपने खेत में पेस्टीसाइड्स छिड़कना न भूलें, वैसे तो एलोवेरा एक ऐसा पौधा है जिसमे कीड़े लगने के बहुत काम मौके हैं लेकिन हमे कोई रिस्क नहीं लेना चाहिए इसलिए पहले से ही 0.2% ऑफ़ मेलाथियन एक्वस और 0.2% डीठेन एम-45 का छिड़काव कर सकते हैं।
  3. अगर आप अपनी भूमि को और उपजाऊ बनाना चाहते हैं तो आप उसमें यूरिया भी डाल सकते हैं। यूरिया एक तरह का फ़र्टिलाइज़र होता है। आपको 1 हेक्टेयर के खेत के लिए लगभग 100 किलोग्राम यूरिया का इस्तेमाल करना होगा।
  4. एक बार आपकी भूमि एलो वेरा की खेती के लिए उपजाऊ हो जाए तब आपको ऊंची केरिया बनाकर उसमें एलोवेरा के बेबी प्लांट 2 मीटर की दूरी पर लगाने होंगे। हर केरी में भी 2 मीटर की दूरी होनी चाहिए।
  5. एक बार आपने एलोवेरा का पौधा लगा दिया तो आपको उससे ज़्यादा पानी देने की भी ज़रूरत नहीं है। यह काम आप हर महीने में 1-2 बार कर सकते हैं। एलोवेरा के पौधे के आस पास मिट्टी डालते रहे।
  6. एलोवेरा की पहली फसल 9-11 महीने में तैयार हो जाती है। आप इस फसल के ऊपर के पत्ते काट सकते है। आपको यह फसल जड़ से नहीं काटनी होती क्योंकि यही फिर से ऊगती है।
  7. अगली फसल के लिए आप 45 दिनों के बाद पुराने पत्ते मिट्टी में डाल सकते हैं। पहली फसल के बाद हर फसल 5-7 महीने में तैयार हो जाती है। एक बार एलोवेरा का पौधा लगाने के बाद आप 4-5 साल तक उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

एलोवेरा खेती के लिए ट्रेनिंग कहाँ से लें?

अगर आप चाहते हैं तो अपना फार्मिंग बिज़नेस शुरू करने से पहले आप एलोवेरा खेती की ट्रेनिंग ले सकते हैं, लेकिन ट्रेनिंग ज़रूरी नहीं है।

ट्रेनिंग लेकर काम करने से गलतियों की गुंजाइश नहीं होती है और नुकसान होने का रिस्क खत्म हो जाता है। आप नीचे दिये गए तरीकों से ट्रेनिंग ले सकते है।

  • CSIR – सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिसिन एंड एरोमेटिक प्लांट्स यह एक ऐसी ऑर्गनाईजेशन है जो अलग-अलग समय पर यह ट्रेनिंग सेशंस करवाते रहते हैं। यह सेशन स्टेट-वाइज कंडक्ट होते है। इन ट्रेनिंग सेशन की अधिक जानकारी के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं।
  • एग्रीकल्चर इनफार्मेशन – यह एक ऐसी ऑर्गनाईजेशन है जो 2-3 दिनों के सेशंस कंडक्ट करती है, इन सेशन के लिए ये ऑर्गनाइजेशन फेस फीस भी चार्ज करती है। इन ट्रेनिंग सेशंस में आपको एलोवेरा के पौधों की ग्रोथ हार्वेस्टिंग और मार्केटिंग के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। इसमें प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स जिनके पास 10-15 साल का अनुभव है वो आपको प्रैक्टिकल ट्रेनिंग देंगे। इस ऑर्गनाईजेशन के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
  • कृषि विभाग – सरकार ने किसानों की मदद के लिए जगह-जगह कृषि विभाग खोलें है। जहाँ एग्रीकल्चर और खेती से जुड़े हर प्रॉब्लम का सलूशन उपलब्ध है। इन सेंटर्स में अलग-अलग खेती के लिए अलग-अलग ट्रेनिंग भी मिलती है। अधिक जानकारी के लिए आप अपने जिले के कृषि विभाग केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।
  • ऑनलाइन ट्रेनिंग – आप चाहे तो बिना कहीं जाए अपने घर से ही एलोवेरा फार्मिंग की ऑनलाइन ट्रेनिंग ले सकते हैं। ऑनलाइन ट्रेनिंग के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।

मार्केट की जानकारी

एलोवेरा की खेती के लिए बीज कहाँ से लाएँ?

एलोवेरा खेती के लिए सही हाइब्रिड के बीज का चुनाव करना बहुत जरुरी है। आज कल मार्केट में बहुत सारे फ्रॉड सप्लायर्स भी घूम रहे हैं जो या तो महंगे बीज बेच रहे हैं या बेकार हाइब्रिड के बीज बेच रहे हैं जिसकी वजह से आपको नुकसान हो सकता है। इसलिए एलोवेरा के बीज या बेबी प्लांट खरीदने के समय आपको सावधानी से सही बीज का चयन करना होगा।

अगर आपके पास कोई भरोसेमंद डीलर हो जो एलोवेरा के बिज़नेस से जुड़ा हो तो आप उससे ही पौधे खरीदें अगर आप चाहे तो अच्छे पौधे खरीदने के लिए और उनकी जानकारी के लिए अपने जिले की कृषि कल्याण विभाग से संपर्क करें। आप वहां से हर एलोवेरा की खेती के बारे में हर तरह की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। और भी ऐसी कई संस्थाएं हैं जो किसानों की मदद करने के लिए खुली हैं, जैसे इंडिया प्लांटेशन। हमारी राय है कि जहाँ तक हो सके आपको सरकारी नर्सरी से ही एलोवेरा के बेबी प्लांट खरीदने चाहिए।

इसके अलावा अगर आप ऑनलाइन एलोवेरा के बीज खरीदना चाहते है तो यहाँ क्लिक करें।

एलोवेरा कहाँ बेचें

एलो वेरा की खेती करने के बाद बारी आती है उससे मार्केट में बेचकर मुनाफा कमाने की। आप चाहे तो यह काम कई तरीकों से कर सकते हैं। एलोवेरा एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसकी मांग मार्केट में हर दिन बढ़ती जा रही है इसलिए इससे मार्केट में बेचना ज़्यादा मुश्किल काम नहीं होगा। आप नीचे दिए गए तरीकों से अपना प्रोडक्ट मार्केट में बेच सकते हैं।

  • आप चाहे तो बड़ी कंपनी जैसे पतंजलि, डाबर, बैद्यनाथ में डीलर के रूप में अपने प्रोडक्ट को होलसेल में बेच सकते हैं। ये कंपनियाँ आयुर्वेदिक और हर्बल प्रोडक्ट्स बनाती हैं और इसलिए इन्हें फ्रेश एलोवेरा की ज़रूरत हमेशा रहती है।
  • आज कल हमारे कंज़्यूमर बहुत ज़्यादा हेल्थ कॉन्ससियस हो गए हैं। वे हर प्रोडक्ट में नेचुरल और हर्बल इंग्रेडिएंट्स चाहते हैं। कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में नेचुरल इंग्रेडिएंट्स की मांग काफी बढ़ चुकी है। तो अगर आप चाहे तो कॉस्मेटिक ब्रांड्स से जुड़कर भी आप अच्छी कमाई कर सकते हैं। आप इन कंपनियों को इनके ईमेल द्वारा संपर्क कर सकते हैं।
  • अगर आप छोटे स्तर से शुरुआत करना चाहते हैं तो आप मार्केट में एलोवेरा जूस बेचने वालों से भी डील कर सकते हैं। या फिर थोड़ी और इन्वेस्टमेंट करके अपना एलोवेरा जूस बिज़नेस भी खोल सकते हैं। एलोवेरा जूस बिज़नेस की जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।
  • इन तरीकों के अलावा सबसे आसान तरीका है कि आप अपनी लोकल मार्केट में जाकर किसी सब्ज़ी वाले या किसी डीलर से संपर्क करें और सीधे अपने कस्टमर्स को बेचें।
  • आप चाहे तो एक नर्सरी भी लगा सकते हैं जहाँ से लोग अपने घरों के लिए एलोवेरा के पौधे खरीद सकें।

एलोवेरा फ़ार्मिंग में लागत

एलोवेरा एक ऐसा बिज़नेस है जो कम लागत और कम समय में अच्छा मुनाफा या प्रॉफिट कमा कर दे सकता है। अगर आप छोटे स्तर से यह बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं तो आप चाहे तो अपने घर के बगीचे से ही यह बिज़नेस शुरू कर सकते हैं।

एलोवेरा का बिज़नेस शुरू करते समय आपको ज़्यादा चीजों की जरुरत नहीं होती है, आपको एलोवेरा के बेबी प्लांट, गोबर की खाद, कुछ फर्टीलाइजर जैसे यूरिया और दिठाने, कुछ फार्मिंग से रिलेटेड टूल्स जैसे हल, सीज़र्स, एक्से, बकेट इत्यादि की ज़रूरत होगी। एलोवेरा की खेती की एक बहुत अच्छी बात यह है कि इसकी फसल ज़्यादा पानी नहीं मांगती, इसलिए आपको बार-बार पानी का इंतज़ाम करने की भी ज़रूरत नहीं है। हाँ, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि महीने में एक बार आप एलोवेरा की केरियो में पानी डालते रहें।

हमारी यह राय है कि बिज़नेस शुरू करने से पहले आप इन सब चीजों का इंतज़ाम करके रखें ताकि आपको अच्छी फसल उगाने में कोई दिक्कत न आयें। अगर आपको एक प्रॉपर बिज़नेस शुरू करना है तो आपको नीचे दी गयी चीज़ो की ज़रूरत होगी।

मटेरियल

कितना

शुरुआती लागत

एरिया

1-2 एकड़

जगह पर निर्भर करता है।

बेबी प्लांट/बीज

10,000-11,000

Rs. 25,000-35,000

गोबर की खाद

10-15 टन

5,000

लेबर, टूल इत्यादि

जरूरत अनुसार

10,000

कुल

 

40,000-50,000

नोट: यह लागत हर जगह अलग-अलग हो सकती है।

एलोवेरा बिजनेस के लिए लॉन

अगर आप लोन लेकर अपने एलोवेरा बिजनेस की शुरुआत करना चाहते है, तो आपके पास ये सारे विकल्प है:

  • किसानों को नेशनल बैंक फॉर रूरल डेवलपमेंट एंड एग्रीकल्चर (नाबार्ड/एनएचबी) द्वारा लोन एक्सटेंड किया जाता है लेकिन लोन लेने के लिए किसानों को एक रिपोर्ट नाबार्ड से अप्रूव करनी पड़ती है। लोन के अमाउंट के प्रोसेसिंग के लिए इन केस को नॅशनलाइज्ड बैंकों को रिकमेंड किया जाता है।
  • नेशनल होर्टिकल्चर बोर्ड भी एलोवेरा किसानों को क्रेडिट लिंक बैक एंड सब्सिडी के फॉर्म में असिस्टेंस दिलाता है। सब्सिडी का अमाउंट कुल कोस्ट का 20% होता है (नॉर्मल एरिया में अधिकतम अमाउंट 25 लाख तक का होता है और पहाड़ी क्षेत्रों में 30 लाख तक।
  • राज्य सरकार में भी एलोवेरा किसानों को प्रोत्साहन के लिए सब्सिडी देती है। खाद के लिए सब्सिडी अधिकतम 400 ट्रेज के लिए दी जाती है और खाद की ट्रांसपोर्टेशन के लिए 100% सब्सिडी दी जाती है।
  • राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में भी किसानों को खेत, टूल इत्यादि के लिए 80 हजार रुपए दिये जाते है।

सरकारी लोन (कर्ज)

आप चाहें तो स्टार्टअप इंडिया के तहत सरकार से लोन ले सकते है।

इस ऑर्गनाइजेशन में ऐसी स्कीम है जो छोटे बिजनेस को आगे बढ़ाने में मदद करती है जिसका नाम है मुद्रा स्कीम। मुद्रा लोन स्कीम एक कोलैटरल फ्री लोन स्कीम है जिसमें इंटरेस्ट भी काम चार्ज होता है। इस स्कीम के अंदर 3 तरह के प्लान्स है:

मुद्रा स्कीम का फंडिंग सपोर्ट इन चार प्रकार का होता है।

  • माइक्रो क्रेडिट स्कीम (एमसीएस), 1 लाख तक के फाइनेंस के लिए।
  • कमर्शियल बैंक्स / रीजनल रूरल बैंक्स (आरआरबी) / शेडल्यूड को-ऑपरेटिव बैंक्स के लिए रिफाइनेंस स्कीम।
  • विमन इंटरप्राइज प्रोग्राम।
  • लोन पोर्टफोलियो का प्रतिभूतिकरण।

मुद्रा स्कीम के बाकी और जानकारी आप यहाँ क्लिक करके पढ़ सकते है।

बैंक लोन

आप चाहे तो बैंक से लोन लेकर भी अपने काम की शुरुवात कर सकते हैं। बैंक लोन किसी भी छोटे या मध्यम आकार के बिज़नेस के लिए काफी इम्पोर्टेन्ट रोल प्ले करता है। अगर आपके पास अपना खुद का इन्वेस्टमेंट नहीं है तो आप बैंक से लोन सैंक्शन करवा सकते हैं। बैंक से लोन सैंक्शन करवाने के लिए आपको कुछ चीज़ों की रिक्वायरमेंट्स होंगी जैसे –

  • आपकी उम्र 21 से 65 साल होनी चाहिए।
  • आपको एक प्रॉफ़िट मार्जिन दिखानी होगी जो बैंक को ट्रस्ट प्रोवाइड करेगा। प्रॉफ़िट कम से कम 1,50,000 रुपए की होनी चाहिए।
  • एक प्रोपर बिजनेस प्लान दिखाना होगा जो कि लोन प्रोवाइडर को आपके बिजनेस के बारे में पूरी जानकारी दे सके।

एलोवेरा की खेती से प्रॉफ़िट

एलोवेरा फार्मिंग एक ऐसा बिज़नेस बन चुका है जिसकी डिमांड धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। तो एक बात तो तय है कि एलोवेरा फार्मिंग बिज़नेस प्लान एक ऐसा बिज़नेस प्लान है जिसमें कम इन्वेस्टमेंट होने के कारण अच्छा मुनाफा हो सकता है।

अगर आप अपने बिज़नेस के पहले साल में 50 हजार तक की इन्वेस्टमेंट करते हैं जिसमें आप 1 हेक्टेयर में लगभग 20 से 30 हजार एलोवेरा प्लांट्स उगाते हैं तो आपको पहले साल में ही लगभग 2 से 3 लाख तक का मुनाफा हो सकता है। एलोवेरा का रेट मार्केट में 4-8 प्रति प्लांट होता है। यह रेट फिक्स नहीं होता सीजन और डिमांड के हिसाब से यह रेट ऊपर नीचे हो सकता है।

एलोवेरा एक ऐसा प्लांट है जिससे आप एक बार लगा कर 5 साल तक फसल निकाल सकते हैं और तो और पहली फसल के बाद इसके प्रोडक्शन में 30-40% तक की ग्रोथ आ जाती है। इसका मतलब 6 महीने में ही अगली फसल तैयार हो जाती है। साल में दो बार फसल तैयार होने की वजह से इसका प्रॉफिट भी लगभग दुगना हो जाता है। यानी पहले साल के बाद अगले हर साल में आप 4 से 5 लाख तक का मुनाफा कमा सकते हैं।

यह मुनाफा इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप अपना प्रोडक्ट किसी बड़ी कंपनी में बेच रहे हैं, किसी एवरेज कंपनी में बेच रहे हैं या लोकल मार्केट में बेच रहे हैं। हर जगह प्रॉफिट मार्जिन अलग-अलग रहता है।

एलोवेरा ज्यूस बिजनेस प्लान

अगर आप एलोवेरा के बिज़नेस से ज़्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो आप थोड़ी ज़्यादा इन्वेस्टमेंट करके अपना खुद का एलोवेरा ज्यूस प्लांट सेटअप कर सकते हैं। यह एलोवेरा फार्मिंग से थोड़ी ज़्यादा इन्वेस्टमेंट मांगता है लेकिन इससे आने वाला प्रॉफिट भी कई ज़्यादा है। एलोवेरा ज्यूस बिज़नेस में आप अपना प्रोडक्ट डायरेक्ट मार्केट में या किसी ज्यूस वेंडर को ना बेचकर खुद उसका ज्यूस निकाल कर होलसेल में या रिटेल में बेच सकते हैं।

इस बिज़नेस को सेट करने के लिए आपको एक ज्यूस मशीन की जरुरत होगी। एलोवेरा ज्यूस मशीन के रेट्स आप indiamart पर चेक कर सकते हैं। यह मशीन आपको लगभग 5 से 8 लाख तक की पड़ सकती है। इसके अलावा इस बिज़नेस में कोई और ख़ास इन्वेस्टमेंट नहीं है।

अब बात करते है इस बिज़नेस से आने वाले प्रॉफिट की। देखा जाए तो 1 लीटर एलोवेरा जूस निकालने के लिए भी 1 किलो एलोवेरा की जरुरत नहीं होती है। क्योंकि रॉ मटेरियल ही इतना कम इस्तेमाल होता है इसलिए इस बिज़नेस में कम समय में अच्छा मुनाफा होता है। अगर आप रिटेल में अपने एलोवेरा जूस की पैकिंग करके बेचते हैं तो इसका मार्केट रेट 130-150 प्रति लीटर है। मतलब आप पहले साल में ही 8 से 10 लाख तक का मुनाफा कमा सकते हैं।

एलोवेरा बिजनेस में अवसर

एलोवेरा उन चुनिंदा मेडिसिनल प्लांट्स में से है जिसका इस्तेमाल एक से ज़्यादा इंडस्ट्री में किया जाता है इसलिए इसकी मार्केट दुनिया भर में बढ़ रही है। भारतीय एलोवेरा मार्केट 2017 में 163 करोड़ की थी और यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 2023 तक यह 270 करोड़ तक पहुंच जायेगी। इन तथ्यों से यह तो पक्का है कि इस बिज़नेस में अच्छे अवसर मिल सकते है।

इस बिज़नेस में घाटा सिर्फ तभी होगा जब आप अपने कस्टमर्स से फ्रॉड करेंगे। धीरे-धीरे सब लोग हेल्थ और क्वालिटी कॉन्ससियस हो रहे हैं जिस वजह से एलोवेरा जैसे हर्बल इंग्रेडिएंट्स की डिमांड भी बढ़ रही है। तो अगर आप अपने कस्टमर्स को सही प्राइस पर सही प्रोडक्ट देंगे तो आपका नुक्सान कभी नहीं होगा।

तो अगर आप एलोवेरा की खेती कर रहे है तो आगे चलकर आप अपना बिज़नेस खोल सकते हैं जिसमें तरह-तरह के प्रोडक्ट्स जैसे कि साबुन, शैंपू, टूथब्रश इत्यादि मैनुफ़ेक्चर करके अच्छा मुनाफा कमा सकते है। लेकिन इस बिज़नेस में बहुत ज़्यादा इन्वेस्टमेंट लगती है और इसमें कई सारी क़ानूनी प्रक्रिया भी बढ़ जाती हैं। आप मैन्युफैक्चरिंग यूनिट खोल कर खुद को किसान से बिजनेसमैन बना सकते हैं। अपने बिज़नेस को एक नाम और लेबल देकर आप उससे एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तौर पर भी चला सकते हैं।

एलोवेरा खेती से जुड़े सवाल और जवाब

प्र॰ 1) एलोवेरा के पत्ते किस रेट पर बिकते है और कितना मुनाफा होता है?

उत्तर – एलोवेरा का मार्केट रेट जगह और मौसम पर निर्भर करता है। आमतौर पर इसका मार्केट प्राइस रेंज 3-8 रुपए प्रति किलो की होती है। मुनाफा या प्रॉफिट के बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।

प्र॰ 2) एक साल में एलोवेरा के कितने पत्ते निकलाते है?

उत्तर – अगर आप 1 एकड़ में एलोवेरा की खेती कर रहे है तो आप 12000-15000 बेबीप्लांट लगाएंगे, जिसका मतलब है कि आप हर साल 40000 से 50000 टन की फसल उगाएँगे। अगर आप 1 हेक्टर में एलोवेरा फ़ार्मिंग कर रहे है तो यह संख्या दुगुनी हो जाएगी।

प्र॰ 3) एलोवेरा का पौधा लगाने के बाद पहली फसल कब तैयार होगी?

उत्तर – एलोवेरा की पहली फसल 9 से 11 महीने में ऊग जाती है। इसके बारे में और जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।

प्र॰ 4) एलोवेरा की खेती किस जमीन में हो सकती है?

उत्तर – एलो वेरा एक ऐसा पौधा है जो किसी भी ज़मीन में ऊग जाता है। यह पौधा उनुपजाउ ज़मीन में भी ऊग जाता है। लेकिन ज़्यादातर इसे बुलाई दोमट मिट्टी में उगाया जाता है।

प्र॰ 5) एलोवेरा के पौधे का उगाने के बाद साइज क्या होगा?

उत्तर – जब आपकी फसल पूरी तरह से ऊग जाएगी और जब एलोवेरा अपने ग्रोन स्टेज पर पहुंच जाएगा तब उसकी हाइट 3-4 फ़ीट की हो सकती है।

प्र॰ 6) एलोवेरा कहाँ बेच सकते है?

उत्तर – एलोवेरा एक ऐसा प्रोडक्ट है जो कई इंडस्ट्री में इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए इसका मार्केट काफी बड़ा है। एलोवेरा के मार्केट से जुडी जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।

प्र॰ 7) किस तरह का एलोवेरा बेबी प्लांट लगाना चाहिए?

उत्तर – सही हाइब्रिड का एलोवेरा बेबी प्लांट चुनना बहुत जरुरी है क्योंकि हर हाइब्रिड की बढ़ने की स्पीड अलग होती है। आपको ऐसा हाइब्रिड चुनना होगा जो कम समय में बढ़ें और जिसमें कीड़े भी कम से कम लगे। हाइब्रिड के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।

हमें उम्मीद है कि इस जानकारी से आपको काफी हद तक समझ आ गया होगा कि भारत में एलोवेरा की खेती या एलोवेरा फार्मिंग बिज़नेस कैसे शुरू कर सकते हैं। हमने पूरी कोशिश की है कि शुरुवात से अंत तक आपको एलोवेरा फार्मिंग बिज़नेस प्लान से जुड़े हर सवाल का जवाब मिल जाये। अगर अभी भी आपको किसी जानकारी की जरुरत हो तो कमेंट में जरूर पूछें। हम आपकी पूरी मदद करेंगे।

जन्म से ही क्रिकेट का दीवाना हूँ लेकिन क्रिकेटर बन नहीं सका और अब विकिपीडियन बनकर खिलाड़ियों पर लिखना शौक बना दिया है।

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